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शेयर(share)क्या है?

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Tuesday, 16 April 2019


1. इक्विटी और debt क्या है ?

दोस्तों, जब कंपनी बन जाती है या incorporate हो जाती है तब कंपनी को अपना व्यापार चलाने के लिए कैपिटल की जरुरत पड़ती है | हालाँकि शुरुवात में कंपनी के पास कम कैपिटल होता है इसलिए कंपनी को अपने व्यापार के विस्तार के लिए और अधिक कैपिटल की जरुरत पड़ती है । अब कंपनी दो तरीको से capital raise कर सकती है |पहला कंपनी उधार ले ले जैसे बैंक लोन , डिबेंचर , बांड etc. से पैसा raise करे | फण्ड raise करने का ये तरीका debt financing कहलाता है या दूसरा वह public के पास जाये और उनसे पैसे ले और बदले में उन्हे कंपनी में हिस्सेदारी दे अर्थात कंपनी अपने profit और loss में उन्हें हिस्सेदारी दे । कैपिटल raise करने का ये तरीका equity financing कहलाता है जैसे शेयर जारी करके पैसे जुटाना ।


2.अब प्रश्न यह है ,आखिर शेयर है क्या?

दरसल , कंपनी को जितना भी कैपिटल collect करना है उसे वह छोटे छोटे हिस्सों में बांट देती है जैसे अगर किसी कंपनी को 10,00,000 Collect करना है तो वह उसे 10 रूपये के 100,000 लाख हिस्सों में तोड़ देती है ।इसका मतलब है की कंपनी ने 10 रूपये वाले 100,000 शेयर issue किये है । यही 10 रूपये वाला प्रत्येक हिस्सा शेयर कहलाता है ।
पूंजी को छोटे छोटे हिस्से यानी Share में बांटने से सबसे बड़ा लाभ ये होता है, कि जिसके पास बहुत कम पैसे है वो भी कुछ SHARE खरीद सकता है और इस तरह कंपनी को आम जनता से पैसा मिल जाता है
SHARE से पैसे बनाने के दो मुख्य तरीके है,  वे है लाभांश (Dividend) कमाना, और Shares की कीमत बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाना यांनी Value Growth Income,
1. लाभांश – DIVIDEND
किसी भी BUSINESS में दो स्थिति हो सकती है लाभ और हानी, आपके पास जिस कंपनी के SHARE है, वो कंपनी भविष्य में जितना लाभ कमाएगी, उस लाभ यानी PROFIT में , कंपनी के मैनेजमेंट निर्णय के अनुसार, आपको लाभ के हिस्से के रूप में, लाभांश (DIVIDEND) प्राप्त होगा, और इस तरह आप कंपनी के SHARES में INVEST करके आप लाभांश के रूप में INCOME कम सकते है.
2. SHARE VALUE GROWTH
अगर कंपनी लगातार अच्छा BUSINESS कर रही है और लाभ कमा रही है तो इस से कंपनी की कुल वैल्यू बढ़ जाती है और इस तरह उस के पूंजी बढ़ने से SHARES की कीमत भी बढ़ जाती है और हानि की स्थिति में कंपनी की कुल कीमत में कमी आने की वजह से आपकेSHARES की कीमत भी कम हो जाती है, और आप SHARE के भाव बढ़ जाने पर SHARES को STOCK MARKET में बेच कर आप SHARE VALUE बढ़ने से लाभ कमा सकते है.  
3.Types of Share (शेयर के प्रकार )
शेयर दो प्रकार के होते है :
1. इक्विटी शेयर (equity share) 
2. प्रेफरेंस शेयर (preference share )
इक्विटी शेयर होल्डर , कंपनी के असली मालिक होते है क्योंकि इनका पेमेंट सबसे बाद में जैसे debt , outsider और  प्रेफरेंस शेयर वालों के पेमेंट के बाद बचे प्रॉफिट में से होता है । इनका प्रॉफिट में  पहले से हिस्सा निश्चित नही होता है ये ज्यादा प्रॉफिट होने पर ज्यादा और लॉस होने पर लॉस को सहन करते है ।जबकि प्रेफरेंस शेयर वालों के पास कुछ prefrencial अधिकार होते है जैसे एक निश्चित प्रतिशत से डिविडेंड प्राप्त करना , इक्विटी शेयर वालों से पहले पेमेंट पाना इत्यादि ।
इन बातों से आप समझ ही गए होंगे की इक्विटी शेयर में रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि अगर कंपनी कम profit कमाती है या लॉस में जाती है तो इन्हें बहुत कम मिलता है  या तो पूरा लॉस सहन करना पड़ता है । लेकिन इक्विटी शेयर वालों को यह फायदा होता है की अगर profit ज्यादा होता है तो ये बाकियों का पेमेंट करने के बाद पूरा प्रॉफिट आपस में बाँट लेते है ।
दोस्तों उम्मीद करता हूं की आप शेयर को अच्छी तरह से समझ गए होंगे ।अगर फिर भी कोई प्रश्न हो तो आप हमसे comment करके पूछ सकते है ।
आगे हम जानेंगे की शेयर मार्किट क्या होता है और यह कैसे काम करता है।

मात्र 5000 से 19000 करोड़ रुपये तक का सफ़र : राकेश झुनझुनवाला

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दोस्तों,
आज मैं बात करने जा रहा हूं भारतीय मार्केट के वारेन बफेट नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला की जिन्होंने मात्र ₹5000 से शुरुआत की थी और आज 19000 करोड़ के मालिक बन गए हैं | राकेश झुनझुनवाला एक अच्छे इन्वेस्टर ,एक अच्छे बिजनेसमैन और एक अच्छे इंसान हैं | आइये जानते हैं कि कैसे राकेश झुनझुनवाला ने 5000 से 19000 करोड रुपए तक सफर तय किया.......

राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था । उनके पिता इनकम टैक्स ऑफिसर थे ,जिन्हें शेयर मार्केट में भी काफी रुचि थी । वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर से संबंधित बातें किया करते थे । तभी एक दिन लगभग 14 साल की उम्र में राकेश ने अपने पिता से पूछ लिया की पापा , ये शेयर मार्केट क्या है??
 उन्होंने बड़े प्यार से उन्हें कहा , बेटा अखबार पढ़ा करो उसमें हर रोज अलग-अलग कंपनियों की जानकारियां होती हैं ।हमें शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले मार्केट के उतार चढ़ाव को जानना चाहिए।
 उस दिन शेयर मार्केट के बारे में राकेश की यह पहली सिख थी ।।।

उम्र के साथ-साथ उनकी रुचि भी शेयर मार्केट में बढ़ने लगी और वे रोज अलग-अलग कंपनियों के न्यूज़ पढ़ने लगे और अपडेट रहने लगे ।

Eeducation : शिक्षा

राकेश झुनझुनवाला ने स्नातक की डिग्री sydenham college से पूरी की और उसके बाद राकेश ने अपने पिता से शेयर मार्केट में जाने की इच्छा व्यक्त की | लेकिन उन्होंने तुरंत मना कर दिया और कहा की पहले तुम कोई प्रोफेशनल पढ़ाई पूरी कर लो उसके बाद तुम्हारा जैसा मन करे वैसा करना ।। उसके बाद राकेश झुनझुनवाला ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की पढ़ाई पूरी की ।

 Success :

उनके market में उतरने का अब समय आ गया था ।लेकिन जब उन्होंने अपने पिता से कहा कि मुझे शेयर बाजार में जाना है तब उनके पिता ने साफ-साफ पैसे देने से मना कर दिया और यह भी कहा वे उनके दोस्तों से भी पैसे ना लें। लेकिन राकेश अपनी जिद पर अड़े रहे और 1985 में शेयर बाजार आ गए । तब बीएसई सेंसेक्स 150 अंक पर था । राकेश झुनझुनवाला मार्केट में तो आ गए थे पर इन्वेस्टमेंट के लिए उनके पास पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने जैसे तैसे बचत करके ₹5000 से अपना पहला इन्वेस्टमेंट शेयर मार्केट में किया ।
वह अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर 1986 में अपना पहला प्रॉफिट कमाया  ।
उन्होंने टाटा टी कंपनी के 5000 शेयर ₹43 के भाव पर खरीदे जो 3 महीने में बढ़कर 143 रुपए प्रति शेयर हो गए जिसे बेचकर उन्होंने ₹5,00,000 का मुनाफा कमाया ।।
अपने तेज दिमाग और इन्वेस्टमेंट स्कील की वजह से एक बार फिर 1986 से 1989 के बीच उन्होंने 20 से 25 लाख रुपए कमाए ।

उनके जिंदगी में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने titan कंपनी के 6 करोड़ शेयर को ₹3 प्रति शेयर के भाव पर खरीदा क्योंकि बाद में उन शेयरों की कीमत बढ़कर ₹390 प्रति शेयर हो गई जिसके कारण उनका इन्वेस्टमेंट 2100 करोड़ रुपए के पार चला गया ।।
राकेश झुनझुनवाला का कहना है कि आप अपनी गलतियों से सीख सकते हैं । जब तक आप अपनी गलतियों को मान कर कुछ सीखते नहीं, तब तक आप आगे नहीं बढ़ेंगे ।
 राकेश जी यह मानते हैं कि निवेशकों को गिरगिट की तरह होना चाहिए और निवेशक को निवेश करते वक्त खुद पर भरोसा रखना जरूरी है ।
राकेश के अनुसार , शेयर बाजार में तेजी के समय सबका फायदा और मंदी के समय नुकसान होता है ।इसलिए यह बात मायने नहीं रखती मैं अमीरों के लिस्ट में हूं या नहीं ।
मेरा सीधा और आसान मन्त्र है :
 "Buy right and hold tight"
मतलब सही शेयर खरीदो और उसे पकड़ के रखो |
राकेश झुनझुनवाला किसी परिचय के मोहताज नहीं है ,आज  वे शेयर बाजार के किंग माने जाते हैं ।
आज वे Aptech Ltd. और Hangama digital media entertainment pvt. Ltd. के चेयरमैन है ।

हालांकि कई बार उन्हें शेयर मार्केट में नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन उन्होंने हर बार उन गलतियों से उन्होंने सीख ली है और आगे बढ़े है ।
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Yash Pradeep-
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