1. इक्विटी और debt क्या है ?
दोस्तों, जब कंपनी बन जाती है या incorporate हो जाती है तब कंपनी को अपना व्यापार चलाने के लिए कैपिटल की जरुरत पड़ती है | हालाँकि शुरुवात में कंपनी के पास कम कैपिटल होता है इसलिए कंपनी को अपने व्यापार के विस्तार के लिए और अधिक कैपिटल की जरुरत पड़ती है । अब कंपनी दो तरीको से capital raise कर सकती है |पहला कंपनी उधार ले ले जैसे बैंक लोन , डिबेंचर , बांड etc. से पैसा raise करे | फण्ड raise करने का ये तरीका debt financing कहलाता है या दूसरा वह public के पास जाये और उनसे पैसे ले और बदले में उन्हे कंपनी में हिस्सेदारी दे अर्थात कंपनी अपने profit और loss में उन्हें हिस्सेदारी दे । कैपिटल raise करने का ये तरीका equity financing कहलाता है जैसे शेयर जारी करके पैसे जुटाना ।
2.अब प्रश्न यह है ,आखिर शेयर है क्या?
दरसल , कंपनी को जितना भी कैपिटल collect करना है उसे वह छोटे छोटे हिस्सों में बांट देती है जैसे अगर किसी कंपनी को 10,00,000 Collect करना है तो वह उसे 10 रूपये के 100,000 लाख हिस्सों में तोड़ देती है ।इसका मतलब है की कंपनी ने 10 रूपये वाले 100,000 शेयर issue किये है । यही 10 रूपये वाला प्रत्येक हिस्सा शेयर कहलाता है ।
पूंजी को छोटे छोटे हिस्से यानी Share में बांटने से सबसे बड़ा लाभ ये होता है, कि जिसके पास बहुत कम पैसे है वो भी कुछ SHARE खरीद सकता है और इस तरह कंपनी को आम जनता से पैसा मिल जाता है।
SHARE से पैसे बनाने के दो मुख्य तरीके है, वे है लाभांश (Dividend) कमाना, और Shares की कीमत बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाना यांनी Value Growth Income,
1. लाभांश – DIVIDEND
किसी भी BUSINESS में दो स्थिति हो सकती है लाभ और हानी, आपके पास जिस कंपनी के SHARE है, वो कंपनी भविष्य में जितना लाभ कमाएगी, उस लाभ यानी PROFIT में , कंपनी के मैनेजमेंट निर्णय के अनुसार, आपको लाभ के हिस्से के रूप में, लाभांश (DIVIDEND) प्राप्त होगा, और इस तरह आप कंपनी के SHARES में INVEST करके आप लाभांश के रूप में INCOME कम सकते है.
2. SHARE VALUE GROWTH
अगर कंपनी लगातार अच्छा BUSINESS कर रही है और लाभ कमा रही है तो इस से कंपनी की कुल वैल्यू बढ़ जाती है और इस तरह उस के पूंजी बढ़ने से SHARES की कीमत भी बढ़ जाती है और हानि की स्थिति में कंपनी की कुल कीमत में कमी आने की वजह से आपकेSHARES की कीमत भी कम हो जाती है, और आप SHARE के भाव बढ़ जाने पर SHARES को STOCK MARKET में बेच कर आप SHARE VALUE बढ़ने से लाभ कमा सकते है.
3.Types of Share (शेयर के प्रकार )
शेयर दो प्रकार के होते है :
1. इक्विटी शेयर (equity share)
2. प्रेफरेंस शेयर (preference share )
इक्विटी शेयर होल्डर , कंपनी के असली मालिक होते है क्योंकि इनका पेमेंट सबसे बाद में जैसे debt , outsider और प्रेफरेंस शेयर वालों के पेमेंट के बाद बचे प्रॉफिट में से होता है । इनका प्रॉफिट में पहले से हिस्सा निश्चित नही होता है ये ज्यादा प्रॉफिट होने पर ज्यादा और लॉस होने पर लॉस को सहन करते है ।जबकि प्रेफरेंस शेयर वालों के पास कुछ prefrencial अधिकार होते है जैसे एक निश्चित प्रतिशत से डिविडेंड प्राप्त करना , इक्विटी शेयर वालों से पहले पेमेंट पाना इत्यादि ।
इन बातों से आप समझ ही गए होंगे की इक्विटी शेयर में रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि अगर कंपनी कम profit कमाती है या लॉस में जाती है तो इन्हें बहुत कम मिलता है या तो पूरा लॉस सहन करना पड़ता है । लेकिन इक्विटी शेयर वालों को यह फायदा होता है की अगर profit ज्यादा होता है तो ये बाकियों का पेमेंट करने के बाद पूरा प्रॉफिट आपस में बाँट लेते है ।
दोस्तों उम्मीद करता हूं की आप शेयर को अच्छी तरह से समझ गए होंगे ।अगर फिर भी कोई प्रश्न हो तो आप हमसे comment करके पूछ सकते है ।
आगे हम जानेंगे की शेयर मार्किट क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
दोस्तों उम्मीद करता हूं की आप शेयर को अच्छी तरह से समझ गए होंगे ।अगर फिर भी कोई प्रश्न हो तो आप हमसे comment करके पूछ सकते है ।
आगे हम जानेंगे की शेयर मार्किट क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
Yash Pradeep-
No comments
Post a Comment